24-Jun-2023, Saturday
Sarve Bhavantu Sukhinaḥ
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VEGAN LEATHER
जब तक इन्सान की खोजी प्रवृत्ति जीवित है, कुछ ना कुछ नये आविष्कार होते रहेंगे। कुछ आविष्कार एटम बम की तरह धरती का विनाश करेंगे तो कुछ वेगन चमड़े की तरह पर्यावरण को बचाने का काम करेंगे।
लंदन: एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने हिरण्याकश्यप का वध करने के लिए नरसिंह अवतार धारण किया था तब वे आधे नर और आधे सिंह के रूप में में थे। इसका वध करने के बाद नरसिंह बेहद क्रोध में थे। तब शिवजी ने अपने अंश अवतार को उत्पन्न किया जिसका नाम वीरभद्र था। तब उन्होंने नरसिंह अवतार से प्रार्थना की कि वो अपना क्रोध त्याग दें। लेकिन नरसिंह नहीं माने तब शिवजी के अंश अवतार वीरभद्र ने शरभ का रूप लिया। यह गरुड़, सिंह और मनुष्य का मिश्रित रूप था।
यानी कि हमारी सोच, सभ्यता और जीवन से पशु की खाल यानी कि चमड़ा युगों-युगों से जुड़ा है। आदि-मानव भी अपना तन ढांकने के लिये जानवर की खाल का इस्तेमाल ही करते थे। वर्तमान में भी जूते, चप्पलें, पर्स, बैग, ब्रीफ़केस, सूटकेस, कोट, जैकेट, महंगी कारों की सीट के कवर इत्यादि चमड़े से ही बनाए जाते हैं।
भारत में शाकाहारी भी बहुत तरह के होते हैं। पहले तो नॉर्मल शाकाहारी जो अंडा या माँस नहीं खाते। कुछ हैं जो कहते हैं जी हम अंडा तो खा लेते हैं मगर मीट मछली नहीं। वे अपने आपको एगेटेरियन कहते हैं। एक थोड़े कट्टर शाकाहारी हैं जिन्हें हम जैनी कहते हैं। वे तो लहसून और प्याज़ भी नहीं खाते। अब एक नये तरह के शाकाहारी होते हैं जिन्हें वेगन कहा जाता है। वे किसी भी प्रकार के खाद्य का सेवन नहीं करते जो कि जानवरों के शरीर से निकाला गया हो। यानी कि दूध, दही और पनीर भी नहीं खाते। पूर्णरूपेण शाकाहारी…
वेगन लेदर से बने फ़ैशन उत्पादों को दुनिया के बड़े मंचों पर प्रदर्शित किया जा चुका है… इटली के शहर मिलान में हुए एक इंटरनेशनल फ़ैशन शो के दौरान वेगन लेदर के उत्पादों ने धूम मचा दी थी।
लेखक लंदन निवासी वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं.