पाकिस्तान में पूर्व क्रिकेटरों एवं मीडिया कर्मियों

पाकिस्तानी क्रिकेटर : हिले दिमाग़ों के बहके फ़िक्रे

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10,अप्रैल 2024, (अपडेटेड 04,अगस्त 2024 12:46 PM IST)
लंदन: पाकिस्तानी टीम जब विश्व कप 2023 में खेलने के लिये भारत पहुंची थी, उस समय आई.सी.सी. की सूची में उसे पहला स्थान प्राप्त था। पाकिस्तानी क्रिकेट पंडित, टीवी एंकर, क्रिकेट प्रेमी सभी अपनी टीम की तारीफ़ में कसीदे पढ़ रहे थे। बाबर आज़म और शाहीन शाह आफ़रीदी हीरो नंबर वन थे। 
भारत और पाकिस्तान के बीच जो मैच खेला गया उसमें पाकिस्तानी टीम अपने निर्धारित पचास ओवर भी पूरे नहीं खेल पाई और 42.5 ओवरों में 191 रन पर ढेर हो गई। जसप्रीत बूमरा, कुलदीप यादव और हार्दिक पांडया तीनों ने दो-दो विकेट लिये। उसके जवाब में भारत ने केवल 30.3 ओवरों में तीन विकेट के नुक़्सान पर 192 रन बना डाले। कप्तान रोहित शर्मा ने 86 और श्रेयस अय्यर ने नाबाद 53 रनों का योगदान दिया। 

फ़िलहाल स्थिति यह है कि पाकिस्तान टीम सेमी-फ़ाइनल में जगह नहीं बना पाई और भारत को ऑस्ट्रेलिया ने फ़ाइनल में विश्व कप में शिकस्त दी। मगर पाकिस्तान में पूर्व क्रिकेटरों एवं मीडिया कर्मियों के हिले दिमाग़ों से लगातार बहके हुए फ़िक्रे विश्व कप और भारतीयों पर फैंके जा रहे हैं। 

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हसन रज़ा ने एक टीवी कार्यक्रम में सीधे-सीधे आरोप लगा दिया कि भारतीय खिलाड़ियों को ऐसी बॉल दी जा रही है जिसमें चिप लगे हैं और बाल अतिरिक्त स्विंग लेती है। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा था कि भला मुहम्मद शामी की गेंदें इतना स्विंग कैसे कर सकती हैं।

पूर्व खिलाड़ी सिकंदर बख़्त तो टॉस को लेकर ही सवाल उठाने लगे। उनका कहना था कि भारतीय कप्तान रोहित शर्मा सिक्का इतनी दूर फेंकते हैं कि प्रतिद्वन्दी टीम के कप्तान और अंपायर को सिक्का दिखाई ही नहीं देता। इस तरह भारत टॉस जीत जाता है और टॉस जीत कर मैच जीत जाता है। यह सोच कर हैरानी होती है कि उम्र के साथ-साथ क्या किसी क्रिकेट खिलाड़ी का दिमाग़ इतना कुंद हो सकता है कि इस तरह की बचकानी बातें किसी टीवी चैनल पर बैठ कर कह सके। 
सिकंदर ने कहा – “मैं चाहूं तो शरारत कर सकता हूं! मैं एक सवाल कर रहा हूं अगर हम दिखा सकें टॉस के वक्त का वीडियो। रोहित शर्मा जब टॉस करते हैं तो सिक्के को दूर फेंकते हैं और दूसरा कप्तान जाकर कभी नहीं देखता कि उसने सही कॉल किया या नहीं। सिक्का किस तरफ गिरा है या किसके पक्ष में है?” लगता है कि सिकंदर बख़्त ने शोले फ़िल्म बहुत बार देखी है और उनको लगता है कि रोहित शर्मा टॉस के लिये अमिताभ बच्चन वाला सिक्का इस्तेमाल करते हैं जिसके दोनों तरफ़ हैड या टेल ही बना है। और सच्ची बात तो यह है कि भारत पाँच बार टॉस जीता है और पाँच बार हारा है, मगर मैच दसों जीता है। 
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को चाहिये कि अपने पूर्व एवं वर्तमान क्रिकेट खिलाड़ियों को ‘पब्लिक स्पीकिंग कोर्स’ अवश्य करवाए। इन खिलाड़ियों की पृष्ठभूमि चाहे कैसी भी हो, टीवी कैमरे के सामने इनका अपने पर नियंत्रण खो जाता है। वरना क्या कारण है कि खिलाड़ी चाहे किसी भी वर्ग से आए उसका अपनी ज़बान पर कतई नियंत्रण नहीं रहता। वसीम अकरम ने टिप्पणी करते हुए सटीक बात कही, “इस तरह की बातें करके अपने साथ-साथ हमारी और पाकिस्तान की बेइज्ज़ती क्यों करवाते हो?” अकरम ने आगे कहा कि भारतीय टीम अच्छा खेल रही है और इस बात के लिए उसकी तारीफ़ होनी चाहिए।

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पाकिस्तानी खिलाड़ियों का दावा है कि भारतीय बल्लेबाज़ों के बल्लों में स्प्रिंग लगे हुए हैं। अगर ऐसा न हो तो वे इतनी गति से इतना बड़ा स्कोर नहीं खड़ा कर सकते। वे यह मानने को तैयार नहीं कि भारतीय क्रिकेट मैनेजमेंट ने पिछले कुछ वर्षों से गंभीर तैयारी की है, तब कहीं जाकर हमारी वर्तमान टीम तैयार हुई है। 

ये सब बातें तो कम-से-कम क्रिकेट से जुड़ी हुई हैं। हैरानी तो तब हुई जब पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों एवं मीडिया-कर्मियों ने बेहूदगी की तमाम हदें पार करते हुए भारतीयों पर निजी आपत्तिजनक टिप्पणियां करनी शुरू कर दीं। भूतपूर्व ऑलराउण्डर अब्दुल रज्ज़ाक ने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान भारतीय सिने-तारिका ऐश्वर्य राय पर एक भद्दी टिप्पणी करते हुए कहा, “अगर आपकी सोच है कि ऐश्वर्या राय से शादी करूंगा इसके बाद नेक-गुणवान बच्चा पैदा हो, तो ऐसा कभी नहीं हो सकता। मसलन, आपको अपनी नीयत दुरूस्त करनी होगी।” अब्दुल रज्ज़ाक ने यह बात पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की नीयत पर बात करते हुए कही थी। इस बातचीत में ऐश्वर्या राय कहां से आ गईं, कुछ समझ नहीं आया।  

जब अब्दुल रज्ज़ाक ये बातें कर रहा था उस वक्त उसके साथ शाहिद अफ़रीदी और उमर गुल समेत कई क्रिकेटर मौजूद थे और तालियां बजा कर बेशरमों की तरह हंस रहे थे।  बहरहाल, अब्दुल रज्ज़ाक के बयान की खूब निंदा हो रही है। सोशल मीडिया यूज़र्स लगातार अब्दुल रज्ज़ाक को खरी-खोटी सुना रहे हैं। पाकिस्तान के वसीम अकरम और शोएब अख़्तर ने अब्दुल रज्ज़ाक की टिप्पणी की भर्त्सना की। भारत में भी हर स्तर पर अब्दुल रज्ज़ाक की आलोचना हुई। 

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अब्दुल रज्ज़ाक की सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद शाहिद अफ़रीदी का एक अजीब सा बयान  सामने आया जिस पर विश्वास करना आसान नहीं।  शाहिद अफ़रीदी ने कहा कि कल प्रोग्राम चल रहा था, हम बैठे हुए थे स्टेज पर। अब्दुल रज्ज़ाक ने कोई बात कर दी वहां पर। उन्होंने जो बात की मुझे समझ नहीं आई, मसलन मैं वैसे ही हंस रहा था। उन्होंने कहा कि मैं अभी अब्दुल रज्जाक को मैसेज करूंगा कि सब लोगों से सॉरी बोल दें। वो ग़लत मज़ाक था, जो नहीं होना चाहिए था। शोएब अख़्तर ने कहा कि मैं अब्दुल रज्ज़ाक के अनुचित मज़ाक या तुलनात्मक बयान की निंदा करता हूं। किसी भी महिला का अपमान नहीं होना चाहिए। वहां पास बैठे लोगों को हंसने और तालियां बजाने के बजाय आवाज़ उठानी चाहिए थी।

कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने अपने ट्वीट में लगभग हर भारतवासी के दिल की बात कह दी जब उन्होंने अपने ट्वीट में कहा, “एक भारतीय अभिनेत्री पर अभद्र टिप्पणी और उसके बाद साथी क्रिकेटरों का खिलखिलाना यह दर्शाता है कि पाकिस्तान खुद एक सड़ी हुई ‘विचारधारा’ है, जो मानसिक रूप से विकलांग संतान पैदा कर रही है!”

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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष रमीज़ राजा ने भी अब्दुल रज्ज़ाक को लगभग डांटते हुए उसे माफ़ी मांगने की सलाह दी। मगर स्वयं वे इसी आरोप के तहत दोषी भी हैं। उनका भी एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें एक हास्य कवि अपनी कविता सुना रहा है जो कि भारतीय अभिनेत्री नीना गुप्ता और क्रिकेट खिलाड़ी विवियन रिचर्ड्स की शादी को लेकर थी। उसने कहा, “वो जो अपने को मानती हैं मलिका-ए-आलिया / उनकी किस्मत में आता है कालिया।” इस घटिया कविता पर आपत्ति दर्ज करवाने के स्थान पर रमीज़ राजा ठहाके लगा रहे थे। 

इस पर नीना गुप्ता और विवियन रिचर्ड्स की बेटी मसाबा ने भी एक ट्वीट करते हुए रमीज़ राजा को जवाब दिया, “प्रिय रमीज़ राजा (सर) शालीनता एक ऐसा गुण है जो बहुत कम लोगों में होता है। मेरे पिता, मां और मेरे पास यह बहुतायत में है। आपके पास बिल्कुल नहीं है। पाकिस्तान में राष्ट्रीय टीवी पर आपको उस बात पर हंसते हुए देखकर दुख हो रहा है जिस पर लगभग 30 साल पहले दुनिया ने हंसना बंद कर दिया था। भविष्य में कदम रखें। हम तीनों यहाँ अपना सिर ऊंचा किये एक साथ हैं।”
लगता है जैसे पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ियों में एक तरह की प्रतियोगिता चल रही है कि कौन कितनी घटिया बात कह सकता है। ऐसे में पूर्व कप्तान और वर्तमान चयनकर्ता इंज़माम-उल-हक़ ने यू-ट्यूब पर एक अजीब सा बयान दे दिया जिसने भारतीय पूर्व स्पिनर हरभजन सिंह को प्रतिक्रिया देने पर मजबूर कर दिया। 

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इंज़माम ने कहा, ‘मौलाना तारिक़ जमील हर रोज़ हमसे मिलने आते थे। हमारे पास नमाज़ के लिए एक कमरा था। प्रार्थना के बाद वे हमसे बात करते थे। एक या दो दिन बाद, हमने इरफ़ान पठान, ज़हीर खान और मोहम्मद कैफ़ को नमाज़ के लिए आमंत्रित किया। मैंने देखा कि दो-तीन और भारतीय खिलाड़ी भी उस नमाज सत्र में शामिल होते थे; वे नमाज नहीं पढ़ते थे, लेकिन मौलाना की बात सुनते थे।

इंज़माम ने कहा, ‘हरभजन ने एक बार मुझसे कहा था, ‘मेरा दिल कहता है कि वह (मौलाना) जो भी कहते हैं, मुझे उससे सहमत होना चाहिए। मैंने (इंज़माम) कहा, “तो उनके उपदेश का पालन करो, उनकी राह पर चलो। आपको क्या और कौन रोक रहा है? फिर उसने (भज्जी) जवाब दिया, ‘मैं आपको देखता हूं और फिर मैं रुक जाता हूं। आपका जीवन ऐसा नहीं है। इसलिए, यह हम हैं जो अपने धर्म का पालन नहीं कर रहे हैं। हमें दोषी ठहराया जाना चाहिए।”

इंज़माम-उल-हक़ के बारे में कहा जाता है कि वे तब्लीगी  जमात से जुड़े हैं और इस्लाम कुबूल करने के लिये दावत देना उनकी भूमिका का एक अहम हिस्सा है। कुछ पुराने पाकिस्तानी क्रिकेट खिलाड़ी अब खिलाड़ी कम और मौलवी अधिक दिखाई देते हैं।

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हरभजन सिंह ने दावों का जवाब देते हुए तत्काल अपनी नाराज़गी जताते हुए ट्वीट किया, “‘ये कौन सा नशा पी कर बात कर रहे हैं? मुझे भारतीय होने पर गर्व है और मुझे सिख होने पर गर्व है। ये बकवास लोग कुछ भी बोलते हैं।”
इस घटना ने 2014 की दम्बुला, श्रीलंका की याद ताज़ा कर दी। एक वन-डे मैच ख़त्म होने के बाद मैदान से ड्रेसिंग रूम की ओर लौटते समय पाकिस्तानी खिलाड़ी अहमद शहज़ाद ने मैदान में ही तिलकरत्ने दिलशान से कहा था, “तुम इस्लाम कुबूल कर लो। अगर कोई ग़ैर मुस्लिम इस्लाम क़बूल करता है, तो वो सीधा जन्नत में जाता है, चाहे उसने ज़िंदगी भर कोई भी काम किया हो।”
इसके जवाब में दिलशान ने कहा कि वे ऐसा नहीं चाहते। इस पर अहमद शहज़ाद ने कहा कि फिर आग में जाने को तैयार रहो। दोनों के बीच हुई बातचीत की वीडियो रिकॉर्डिंग मौजूद है। याद रहे  कि दिलशान मुसलमान पिता और बौद्ध माँ के बेटे हैं। शुरू में उनका नाम तुआन मोहम्मद दिलशान था। लेकिन बाद में दिलशान ने बौद्ध धर्म अपना लिया था।
लेखक लंदन निवासी वरिष्ठ साहित्यकार, कथा यूके के महासचिव और पुरवाई के संपादक हैं.