नीरज चोपड़ा के लिए गावस्कर ने गाया 'मेरे देश की धरती सोना उगले...'
नयी दिल्ली: महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने बुडापेस्ट में नीरज के विश्व चैंपियन बनने के विजयी क्षण पर कहा कि भारत अगले 10-15 वर्षों में एक 'खेल देश' के रूप में उभरेगा। गावस्कर ने टोक्यो ओलंपिक के पल को भी याद किया, जब नीरज ने ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता था।
'मेरे देश की धरती सोना उगले...'
गावस्कर ने कहा, मुझे याद है जब नीरज चोपड़ा ने टोक्यो ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था, तब भारत-इंग्लैंड सीरीज चल रही थी। मैं इंग्लैंड से देख रहा था और मैं 'मेरे देश की धरती सोना उगले...' गाना गाने लगा था। रविवार को नीरज को देखकर भी मुझे ऐसा ही अनुभव हुआ।'
भारत अगले 10-15 वर्षों में एक 'खेल देश' बनेगा
महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर ने कहा कि भारत अगले 10-15 वर्षों में एक 'खेल देश' के रूप में उभरेगा। उन्होंने उन्होंने विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले स्टार जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा, शतरंज के प्रतिभाशाली रमेशबाबू प्रगनाननंदा और बैडमिंटन स्टार एचएस प्रणय की ऐतिहासिक उपलब्धियों की सराहना की।
नीरज के साथ प्रणय को भी सराहा
गावस्कर ने कहा, "हमने नीरज को दो साल पहले देखा था जब उन्होंने ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीता था। पिछले साल उन्होंने रजत पदक जीता था, लेकिन उनके लिए स्वर्ण पदक जीतना महत्वपूर्ण था और लंबे थ्रो के साथ उन्होंने ऐसा किया। भारत के पूर्व कप्तान ने कहा कि नीरज चोपड़ा की ऐतिहासिक उपलब्धियां दूसरों को भाला फेंकने के लिए प्रेरित करेंगी। दूसरी ओर वर्ल्ड बैडमिंटन चैंपियनशिप में प्रणय सेमीफाइनल तक पहुंचे और उन्होंने विक्टर एक्सेलसेन को हराया। प्रणय ने विश्व चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीतने के रास्ते में दुनिया के नंबर वन बैडमिंटन प्लेयर विक्टर एक्सेलसन को हराया।
भारतीय खिलाड़ियों को एक्सपोजर
भारतीय खिलाड़ियों को कितना एक्सपोजर मिल रहा है। अगर आप अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया को खेल देश के रूप में सोचते हैं, तो मुझे लगता है कि 10-15 साल में भारत भी खेल देश कहलाएगा। आपने देखा होगा कि इस विश्व चैंपियनशिप में सिर्फ नीरज ही नहीं थे, फाइनल में हमारे तीन थ्रोअर थे। जब एक एथलीट अच्छा प्रदर्शन करता है तो इससे दूसरों को भी इस खेल को अपनाने के लिए प्रोत्साहन मिलता है। यह खुशी का पल था।
प्रगनाननंदा की भी तारीफ
नीरज चोपड़ा गत रविवार को विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बन गए, जबकि प्रगनाननंदा ने पिछले हफ्ते 18 साल की उम्र में विश्व कप फाइनल में पहुंचकर इतिहास रच दिया था। गावस्कर ने अपने शुरुआती करियर में ही कई पुरस्कार जीतने वाले प्रगनाननंदा का भी समर्थन किया। गावस्कर ने कहा कि प्रगनाननंदा उपविजेता रहे। वह सिर्फ 18 साल के हैं। आगे चलकर वह भविष्य में कई खिताब जीत सकते हैं।
मीडिया कवरेज में सभी खेलों के सितारे
भारतीय क्रिकेट आइकन गावस्कर ने मीडिया से बातचीत में कहा- पहले आप देखते थे कि केवल कुछ ही खेलों के बारे में बात की जाती थी, मीडिया कवरेज केवल उन्हीं के लिए होता था। अब सभी खेलों को एक आउटलेट और एक्सपोजर मिल गया है और अन्य खेलों के कारण हम नए सितारों का उभरते हुए देख सकते हैं।