प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गाजा के अल-अहली अस्पत

पीएम मोदी ने फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से की बात

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19,अक्तूबर 2023, (अपडेटेड 20,अक्तूबर 2023 11:05 AM IST)

तेल अवीव: इजरायल और हमास में जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फलस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से फोन पर बात की. इस दौरान उन्होंने गाजा के अल-अहली अस्पताल में हुए विस्फोट में जान गंवाने वाले लोगों के प्रति संवेदना व्यक्त की. साथ ही संबंधों को लेकर भी रुख स्पष्ट किया. पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर इसकी जानकारी दी.

पीएम मोदी ने कहा, ''फलस्तीन प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास के साथ बातचीत की. इस दौरान मैंने गाजा के अल अहली अस्पताल में नागरिकों की मौत पर अपनी संवेदना व्यक्त की. हम फलस्तीन के लोगों के लिए मानवीय सहायता भेजना जारी रखेंगे. हमने क्षेत्र में आतंकवाद, हिंसा और बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर अपनी गहरी चिंता साझा की है.''

उन्होंने कहा, ''हमने इजरायल-फलस्तीन मुद्दे पर भारत की लंबे समय से चली आ रही सैद्धांतिक स्थिति को दोहराया.'' पिछले कुछ सालों में भारत और इजरायल के बीच नजदीकी बढ़ी है. ऐसे में पीएम मोदी के इस बयान को काफी अहम माना जा रहा है.

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विपक्षी पार्टियां भी भारत सरकार से फलस्तीन के साथ खड़े होने की बात कह रही है. हमास के हमले के बाद पीएम मोदी और इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से फोन पर बात की थी. इस दौरान उन्होंने कहा था कि हम आपके साथ एकजुटता से खड़े हैं. पीएम मोदी ने हमास के हमले को आतंकी घटना बताया.

बता दें कि अरब दुनिया में फलस्तीन एक क्षेत्र है. इसे अब तक देश की मान्यता नहीं मिली है. फलस्तीन के तीन हिस्से हैं. ये तीन एरिया पूर्वी यरूशलम, गाजा पट्टी और पश्चिमी किनारा है. पूर्वी यरूशलम में अल-अकसा परिसर स्थित है और इस कंपाउंड की निगरानी जॉर्डन के जिम्मे हैं, जबकि शहर पर इजरायल का कब्जा है.

वहीं गाजा पट्टी पर 23 लाख फलस्तीनी रहते हैं और इस इलाके पर साल 2007 से हमास का प्रशासन है. पश्चिमी किनारा में Palestine Liberation Organization से जुड़ी अल फतह पार्टी की सरकार है. वेस्ट बैंक की आबादी करीब 28 लाख है. तीन क्षेत्रों को मिलाकर फलस्तीन कहा जाता है. इन तीनों इलाकों के राष्ट्रपति महमूद अब्बास हैं.