इतिहास को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से देखने की जरूरत: डॉ. राम पुनियानी
भोपाल: लब्ध प्रतिष्ठित इतिहासकार डॉ. राम पुनियानी ने यहां कहा कि इतिहास को देखने के लिए वैज्ञानिक दृष्टिकोण की जरूरत होती है। सांप्रदायिक नजरिए से अतीत में हुई घटनाओं को देखना घातक होता है।
डॉ. पुनियानी वरिष्ठ संपादक, कवि और लेखक डॉ. राकेश पाठक की पुस्तक 'सिंधिया और 1857' के विमोचन समारोह को संबोधित कर रहे थे। 29 अक्टूबर को भोपाल में आयोजित गरिमामय विमोचन समारोह की अध्यक्षता मूर्धन्य संपादक विजयदत्त श्रीधर ने की।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में आनंदवर्धन सिंह (प्रधान संपादक, द पब्लिक इंडिया न्यूज चैनल), अशोक कुमार पांडे (प्रसिद्ध इतिहासविद), शीबा असलम फहमी (प्रतिष्ठित पत्रकार) और सरदार दया सिंह (अध्यक्ष आल इंडिया पीस मिशन) ने भी समारोह को संबोधित किया। शुरूआत में डॉ पाठक ने स्वागत भाषण किया और लेखकीय वक्तव्य दिया। कार्यक्रम का संचालन प्रसिद्ध शायर अतुल अजनबी ने किया। इस पुस्तक का प्रकाशन 'सेतु प्रकाशन समूह' ने किया है।
इससे पूर्व डॉ. पाठक की तीन पुस्तकें 'काली चिड़ियों के देश में' (यूरोप का यात्रा वृतांत), 'बसंत के पहले दिन से पहले' (कविता संग्रह) और 'मप्र की स्वातंत्रोत्तर हिंदी पत्रकारिता का इतिहास' (शोध पुस्तक) प्रकाशित हो चुकी हैं।