Gaganyaan Mission: 2040 तक चंद्रमा पर इंसान भेजेगा

21 अक्टूबर को होगा गगनयान का पहला परीक्षण, 2040 तक चंद्रमा पर इंसान भेजेगा भारत

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17,अक्तूबर 2023, (अपडेटेड 18,अक्तूबर 2023 12:52 AM IST)

नई दिल्ली: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी ISRO 21 अक्टूबर को सुबह सात से नौ बजे के बीच पहला गगन मिशन लांच करेगा। यह मुख्य मिशन से पहले प्रायोगिक मिशन होगा। श्री हरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से पहला मिशन लांच किया जाएगा। TV-D1 में क्रू मॉडयूल को अंंतरिक्ष में भेजा और वापस लाया जाएगा। इस प्रायोगिक मिशन में गगनयान के अंदर का वातावरण उस तरह नहीं है जिस तरह मानवयुक्त गगनयान का होगा।

2040 तक ISRO चंद्रमा पर इंसान को भेज सकता है। 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बना सकता है। हालांकि इससे पहले 2025 में वह अंतरिक्ष में मानव मिशन गगनयान भेजेगा। यह टारगेट मंगलवार यानी 17 अक्टूबर को ISRO के वैज्ञानिकों के साथ PM मोदी की मीटिंग में तय किए गए। प्रधानमंत्री मोदी ने 21 अक्टूबर को भारत के पहले ह्यूमन स्पेस फ्लाइट मिशन 'गगनयान' के क्रू एस्केप सिस्टम की टेस्टिंग की तैयारियों की जानकारी भी ली।

PMO ने बताया कि भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान 2025 में होने की संभावना है। मीटिंग में प्रधानमंत्री ने ISRO के वैज्ञानिकों से कहा कि हमें 2035 तक अपना स्पेस स्टेशन बनाने और 2040 तक चंद्रमा पर मानव भेजने की योजना पर काम करना चाहिए। PM ने वीनस ऑर्बिटर मिशन और मार्स लैंडर पर भी काम करने को कहा।

समु्द्र में क्रू मॉड्यूल की लैंडिंग कराई जाएगी

टेस्ट व्हीकल क्रू मॉड्यूल को ऊपर ले जाएगा। फिर अबॉर्ट जैसी सिचुएशन बनाई जाएगी। लगभग 17 किमी की ऊंचाई पर जब रॉकेट साउंड की स्पीड से 1.2 गुना होगा तो इससे क्रू मॉड्यूल और क्रू एस्केप सिस्टम अलग हो जाएगा। क्रू मॉड्यूल को यहां से लगभग 2 Km दूर ले जाया जाएगा और श्रीहरिकोटा से 10 Km दूर समुद्र में लैंड कराया जाएगा।

इस मिशन में वैज्ञानिक यह टेस्ट करेंगे कि अबॉर्ट ट्रैजेक्टरी क्या ठीक तरह से काम कर रही है। असल मिशन के दौरान रॉकेट में खराबी आने पर एस्ट्रोनॉट कैसे सुरक्षित रूप से लैंड करेंगे। कुल चार टेस्ट फ्लाइट भेजी जानी हैं। TV-D1 के बाद D2, D3 और D4 को भेजा जाएगा।

अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया गया है। अनमैन्ड मिशन यानी इसमें किसी भी मानव को स्पेस में नहीं भेजा जाएगा। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।

अगले साल अनमैन्ड और मैन्ड मिशन लॉन्च करने की योजना

गगनयान मिशन के तहत इसरो ने अगले साल की शुरुआत में गगनयान मिशन का पहला अनमैन्ड मिशन प्लान किया है। अनमैन्ड मिशन के सफल होने के बाद मैन्ड मिशन होगा, जिसमें इंसान स्पेस में जाएंगे।

इससे पहले ISRO ने गगनयान मिशन के लिए ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण 8 से 10 अगस्त के बीच चंडीगढ़ में किया था। ये पैराशूट एस्ट्रोनॉट्स की सेफ लैंडिंग में मदद करेगा। यह क्रू मॉड्यूल की स्पीड को कम करेगा, साथ ही उसे स्थिर भी रखेगा। इसके लिए एस्ट्रोनॉट्स की लैंडिंग जैसी कंडीशन्स टेस्टिंग के दौरान क्रिएट की गई थीं।

तीन एस्ट्रोनॉट 400 KM ऊपर जाएंगे, 3 दिन बाद लौटेंगे

गगनयान' में 3 दिनों के मिशन के लिए 3 सदस्यों के दल को 400 KM ऊपर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। इसके बाद क्रू मॉड्यूल को सुरक्षित रूप से समुद्र में लैंड कराया जाएगा। अगर भारत अपने मिशन में कामयाब रहा तो वो ऐसा करने वाला चौथा देश बन जाएगा। इसे पहले अमेरिका, चीन और रूस ऐसा कर चुके हैं।

1-12 अप्रैल 1961 को सोवियत रूस के यूरी गागरिन 108 मिनट तक स्पेस में रहे। 2- 5 मई 1961 को अमेरिका के एलन शेफर्ड 15 मिनट स्पेस में रहे। 3- 15 अक्टूबर 2003 को चीन के यांग लिवेड 21 घंटे स्पेस में रहे।