पिछले हफ्ते से ही दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब

सुबह से ही जहरीली धुंध की मोटी परत से ढकी हुई है राष्ट्रीय राजधानी

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04,नवम्बर 2023, (अपडेटेड 04,नवम्बर 2023 01:34 AM IST)

नई दिल्ली: दिल्ली में  शुक्रवार को वायु प्रदूषण (Air Pollution) लगभग अधिकतम स्तर पर पहुंच गया. शहर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (Air Quality Index) विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा स्वस्थ मानी जाने वाली सीमा से लगभग 100 गुना तक पहुंच गया है. 

राष्ट्रीय राजधानी आज सुबह से ही जहरीली धुंध की मोटी परत से ढकी हुई है. प्रदूषण से विशेषकर बच्चों के स्वास्थ्य के खतरे को देखते दिल्ली में स्कूल बंद कर दिए गए हैं और गैर-आवश्यक निर्माण पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. बता दें कि शून्य से 50 के बीच AQI अच्छा (Good), 51 से 100 के बीच संतोषजनक (Satisfactory), 101 से 200 के बीच मध्यम (Medium), 201 से 300 के बीच खराब (Poor) , 301 से 400 के बीच बहुत खराब (Very Poor) और 401 से 500 के बीच AQI गंभीर (Serious) माना जाता है 

दिल्ली की हवा हो गई जहरीली    देखा जाय तो पिछले हफ्ते से ही दिल्ली में हवा की गुणवत्ता खराब हो गई थी. इसका मुख्य कारण पड़ोसी राज्य पंजाब (Punjab) और हरियाणा (Haryana) में किसानों द्वारा पराली जलाने की घटनाओं में लगातार हो रही बढ़ोत्तरी माना जा रहा है. 

विशेषज्ञ की मानें तो हवा के साथ ये जहरीला धुआं धीरे-धीरे दिल्ली तक पहुंचा और अब स्मॉग में बदल गया. हवा का रंग गहरा भूरा हो गया है. शहर के डॉक्टरों ने कहा है कि राजधानी में लोगों पर प्रदूषण के हानिकारक प्रभाव दिखना शुरू हो गया है. राजधानी के 33 मिलियन निवासियों में से कई लोगों ने आंखों में जलन और गले में खुजली की शिकायत की. 

प्राथमिक विद्यालय कम से कम दो दिनों के लिए बंद   बढ़ते प्रदूषण के इसी खतरे को भांपते हुए बच्चों के सेहत को ध्यान में रख दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने गुरुवार देर रात राजधानी भर में सभी प्राथमिक विद्यालय (Primary School) कम से कम दो दिनों के लिए बंद रखने की घोषणा की. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने कहा है कि अक्टूबर 2023 में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 2020 के बाद से सबसे खराब था. बोर्ड ने बताया कि किसानों द्वारा पराली जलाने से निकलने वाला धुआं, वाहनों से निकलने वाला धुंआ और फैक्ट्री से निकलने वाला धुआं हर सर्दी के मौसम में दिल्ली को दमघोंटू धुंध में ढक देता है.

वहीं डेली मेल ने अपने रिपोर्ट में बताया है कि शिकागो विश्वविद्यालय (Chicago University) के ऊर्जा नीति संस्थान द्वारा संकलित इस वर्ष के वायु गुणवत्ता जीवन सूचकांक के अनुसार, दिल्ली के लोग जिस खराब हवा में सांस लेते हैं, उसके कारण उनका जीवन लगभग 12 वर्ष कम हो सकता है. बता दें कि दिल्ली को दुनिया का सबसे प्रदूषित शहर माना जाता है.